Tofu kya hota hai: हेलो दोस्तों आपका मेरे इस नए रेसिपी मे स्वागत है। क्या आप भी शाकाहारी हैं? क्या आप भी दूध से बनी चीजों को नहीं खाते हैं? तो कोई न आज का यह आर्टिकल आपके लिए ही होने वाला है।
तो दोस्तों वैसे आप लोगों ने तो अब तक मेरे ब्लॉग के जरिए बहुत से रेसिपी को जान लिया होगा। लेकीन आज मैं आप लोगों के साथ रेसिपी को नहीं बल्कि एक सवाल के जवाब को लेकर आई हूँ और वह है “टोफू क्या है(Tofu kya hota hai) और टोफू और पनीर मे क्या अंतर होता है ?” यह सवाल हर के शाकाहारी के मन मे रहता है। तो आज आप लोगों को इससे जुड़े हर सवाल का जवाब मिल जाएगा।
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टोफू क्या है?(Tofu kya hota hai)
यह टोफू उन लोगों के बीच काफी मशहूर है जो शाकाहारी है और दूध से बनी चीजों को नहीं खाते । आज के समय मे टोफू ने भी लोगों के बीच अपनी अलग पहचान बनाते हुए, यह लोगों के किचन मे भी अपना एक खास जगह बना ली है।
टोफू देखने मे एक दम पनीर की तरह लगता है लेकिन यह सोयाबिन के दूध के लंबे प्रोसेस के बाद बनाया जाता है। आज यह मार्केट मे आसानी से मिल जाता है।
टोफू का उत्पत्ति
आपको जानकार हैरानी होगी, की वही जहाँ अपने अजीबो गरीब जानवरों के माँस खाने के लिए चीन हमेसा चर्चा मे रहता है, वहीं इस टोफू का इतिहास चीन मे लगभग 2000 साल पुराना है। यानि टोफू की शुरुवात चीन से हुई थी। जो अब दुनिया भर मे अपना एक अलग पहचान बना लिया है। इसे चीन के लोग सोयाबिन के दूध मे जिप्सम पाउडर को मिलाकर उसे जमा कर पनीर के तरह बनाते है।
टोफू चीन के बाद धीरे-धीरे जापान, कोरिया, वियतमान, के साथ अन्य पूर्वी एसियाई देशों मे फ़ैला। पूर्वी देशों मे टोफू इतना फेमस है की वहाँ के लोग इसे मार्केट से लेने के बजाय घर पे ही बनाते हैं। जिसे बनाने के लिए वहाँ के मार्केट मे एक से बढ़कर एक साँचे भी उपलब्ध हैं।
जापान मे इसे निगारी से बनाया जाता है जो की मैग्नेसियम क्लोराइड है जो सोया मिल्क को जमाने मे सहायता करता है। आपको बात दूँ की अब यह धीरे-धीरे सभी देशों मे फैलता जा रहा है। यह भारत मे भी कुछ ही सालों से जाना जा रहा है जो अब धीरे-धीरे मार्केट को अच्छे से कवर कर रहा है।
चुकी टोफू अपने विशेषताओ के कारण पनीर से कम नहीं है इसीलिए भारत मे सहतमंदों के बीच पनीर के साथ अपनी एक अलग पहचान बना ली है। यहाँ के लोग अब इसे पनीर के तरह ही यूज करते हैं। और इसकी भी एक से बढ़कर एक रेसिपी जैसे टोफू की सब्जी, टोफू की करी, टोफू सलाद इत्यादि को बनते हैं।
टोफू के प्रकार
आपको बात दूँ की टोफू का दो वर्जन पूरे देश मे जाना जाता है। एक सिल्कन टोफू जो बिल्कुल दही जैसे होता है, जिसका इस्तेमाल लोग बेकिंग मे अंडे के जगह करते हैं। और दूसरा है ब्लॉक टोफू जिसका इस्तेमाल विशेष पकवानों मे किया जाता है।
टोफू वनस्पति विज्ञान जगत से प्राप्त किया जाता है और जब की दूसरी तरफ पनीर पशु जगत के दूध से बनाया जाता है। इसीलिए विगन(जो लोग दूध या दूध के चीजें को नही खाते हैं) के द्वारा इसे बहुत पसंद किया जाता है।
टोफू का अपना कोई स्वाद नही होता है। तो आप किसी भी मसाले के साथ बनाकर कोई भी स्वाद ले सकते हैं। यह खाने मे जितना स्वादिस्त होता है उतना सेहतमंद होता है। इसमे कैल्सियम। मैग्नेसियम, प्रोटीन जैसे पोषक तत्वों का अच्छा स्रोत है। आज मार्केट मे इसके बहुत से ब्रांड मार्केट मे उपलब्ध हैं। जिनका 200 ग्राम का प्राइज़ 50 रुपये से शुरू हो जाता है।
टोफू के खाने के फायदें:
अब तक तो आपको पता चल गया होगा की टोफू क्या है कैसे उसका उत्पत्ति हुई, उसके जनक कौन है। तो चलिए अब इस खास टोफू के फायदे को भी जान लेते हैं, जो आपके मन मे उठ रहा होगा।
- टोफू मे कैलोरी की मात्रा बहुत कम होता है, साथ ही मे इसमे कोई कैलॉस्टरल नही होता है। और यह टोफू आयरन और कैल्शियम का बेहतरीन स्रोत है। जिसे खाने के कई फायदें हैं। यह शरीर मे होने वाली कैल्शियम की कमी को दूर करता है।
- टोफू शाकाहारी लोगों का पहली पसंद बन गया है। क्योंकि इसमे प्रचुर मात्रा मे प्रोटीन पाया जाता है वहीं साथ ही मे इसमे अमीनो एसिड और ऐसोफ्लेवोंस पदार्थ होते हैं। जिससे मांसपेशियों का विकाश तेजी से होता है।
- इसमे जिम आयरन और पोटैशियम के साथ कई विटामिन होता है जिसके वजह से आपके ऊपर उम्र का कोई प्रभाव हावी नही होने देता है।
- टोफू मे एंटी ऑक्सीडेंट पाया जाता है जिससे शरीर मे पैदा होने वाले फ्री रेडिकल्स नष्ट हो जाते हैं जिसके वजह से आपके शरीर पर उम्र का प्रभाव नही आता है। इसी के साथ यह आस्टियोंपोरोसिस, ब्रेस्ट कैंसर, आदि रोगों मे फायदा पहुचट है।
- टोफू सोयाबिन दूध से बंनता है इसमे कैल्शिय, प्रोटीन की मात्रा अधिक होती है साथ ही मे यह ग्लूटेन फ्री होता है, इसमे कैलोरी भी काफी कम होती है जिसकी वजह से वजन कम करने मे भी कारगर है, यह बालों के लिए भी काफी कारगर होता है।
- जिन लोगों को दूध के बनी चीजों से एलर्जी होता है उनके पास टोफू एक अच्छा बिकल्प के रूप मे होता है। साथ ही यह डाइटिंग वालों के लिए तो यह एक वरदान है।
टोफू और पनीर मे अंतर(tofu vs paneer) :
अब आपको टोफू के बारे मे जानने के बाद आपके मन मे यह सवाल जोरों से उठ रहा होगा की कौन बेहतर है टोफू या पनीर। आपको बात दूँ की दोनों के अपने अलग अलग फायदें है तो चलिए इसे अच्छे से एक-एक करके जानते हैं। की इस दोनों मे डिफरेंट क्या है, बेनीफिट्स क्या है?
- टोफू और पनीर के बीच का सबसे बड़ा और पहला अंतर यह है की टोफू वनस्पति जगत यानि सोयाबिन से उत्पन्न होता है तो वहीं पनीर पशु जगत यानि गाय, भैंस के दूध से बनाया जाता है। पनीर को तो आप घर पे आसानी से तैयार कर सकते हैं लेकीन टोफू को तैयार करना उतना ही मुकिल होता है।
- इनमे दूसरा बड़ा अंतर है की इनमे मौजूद प्रोटीन। चुकी आपको पता होगा की 100 ग्राम पनीर मे 18 ग्राम प्रोटीन होता है। जो आपको वजन बढ़ाने मे बहुत फायदेमंद होता है। जबकि वहीं टोफू मे केवल 6 ग्राम प्रोटीन होता है जो आपके वजन को घटाने मे काफी मदद करते है।
- प्रोटीन के बाद आता है इसमे मौजूद कैलोरी की मात्रा। आपको बात दें की पनीर मे टोफू के मामले मे काफी ज्यादा कैलोरी होती है। वहीं 100 ग्राम पनीर मे 265 कैलरों होती है, वहीं टोफू मे केवल 62 कैलोरी होता है जो फिर से आपके वजन को कम करने मे मदद करेगी।
- अब हम इनमे मौजूद फैट की बात करें तो पनीर मे टोफू से ज्यादा फैट होता है। जहाँ 100 ग्राम पनीर मे 21 ग्राम फैट होता है वहीं 100 ग्राम टोफू मे केवल 3 ग्राम फैट होता है। तो एक बार हम फिर कह सकते हैं की अगर आप अपना वेट लॉस करना चाहते हैं तो आप पनीर के जगह टोफू का इस्तेमाल करें।
- दरसल टोफू और पनीर दोनों कैल्शियम का अच्छे स्रोत होते हैं। जहाँ 100 ग्राम पनीर मे 208 mg कैल्शियम होता है, वही टोफू मे 130 mg कैल्शियम होता है।
- टोफू आयरन का बहुत अच्छा स्रोत होता है। जिसके वजह से इसे एनीमिया के रोग से पीड़ित को इसका उचित मात्रा मे सेवन करना चाहिए।
अब सवाल उठता है की दोनों मे से सबसे फायदेमंद कौन है। चुकी अभी हमने जाना ही दोनों के अपने-अपने फायदे है। तो कुछ वैज्ञानिकों का कहना है की टोफू पनीर से ज्यादा फायदेमंद हैं तो कुछ एक्सपर्ट का कहना है की पनीर ज्यादा फायदेमंद हैं। फिलहाल टोफू पनीर से कुछ ज्यादा फायदेमंद होता है क्योंकि यह टोफू कैंसर जैसी बड़ी बीमारियों मे लड़ने मे मदद करती है। आप इसे अपने जरूरत के हिसाब से दोनों भी ले सकते है। अगर आपको वजन कम करना है तो आप टोफू का ही सेवन करें।
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22 साल से रसोई में, प्यार से पकाती हूँ!
मैं अंजनी सिंह, एक आम सी गृहिणी हूँ। भारतीय खाने में मेरा खासा लगाव है। दादी-नानी से सीखे हुए पुराने ज़माने के व्यंजन हो, या फिर नए ज़माने के फ्यूज़न फ्लेवर, मैं हर तरह के स्वादिष्ट खाने बनाने की कोशिश करती हूँ।
“Mom’s recipe” के ज़रिए मैं आप सभी के साथ अपनी पाक कला का अनुभव बाँटना चाहती हूँ। उम्मीद है कि यहाँ आपको वो सारे स्वाद मिलेंगे जो आपके दिल को छू जाएँ।